Online या Offline, किस Sale में है फायदा?
पिछले वर्षों की तरह इस साल भी फ्लिपकार्ट और अमेजन ने पहले त्योहारी सेल के दौरान चौके-छक्के मारने के दावे किए हैं. फ्लिपकार्ट का तो दावा है कि देश की कुल ई-कॉमर्स सेल्स का 70 फीसदी उसी के खाते में गया है और उसकी सेल पिछले साल से दोगुनी हो गई. वहीं अमेजन ने कहा कि बिकने वाले सामान की संख्या, सेल्स के आकार, कस्टमर्स की संख्या आदि के लिहाज से हालिया द ग्रेट इंडियन फेस्टिवल अभी तक का सर्वश्रेष्ठ रहा. पांच दिन के दौरान फ्लिपकार्ट की बिक्री 6 हजार करोड़ होने का अनुमान है.ऐसे में ऑनलाइन और ऑफलाइन रिटेेेल के बीच की जंग पर बहस एक बार फिर तेज हो गई है. इन सबके बीच रिटेल रिसर्च के एक्सपर्ट का कहना है कि ऑफलाइन की तुलना में ऑनलाइन सामान की कीमतें 20 से 25 फीसदी कम बनी रहेंगी, क्योंकि ऑफलाइन सेल में रेंटल, लेबर, मेंटनेंस, एसी, समेत कई चीजें काफी महंगी पड़ती है.
बढ़ रहा है विश्वास
मार्केट रिसर्च कंपनी मोतीलाल ओसवाल के रिटेल सेग्मेंट के प्रमुख धर्मेश कांत ने बताया कि ई-कॉमर्स कंपनियों की ग्रोथ में सबसे बड़ा योगदान ग्राहकों के बढ़ते विश्वास का है. 2-3 साल पहले तक कम लोग ही इन कंपनियों पर यकीन करते थे. लेकिन इस दौरान अधिकांश लोगों को यकीन हो गया है कि चीजों की ऑनलाइन और ऑफलाइन क्वालिटी में कोई फर्क नहीं होता है, बल्कि ऑनलाइन में उनके पास अधिक विकल्प होते हैं.
50 फीसदी तक छूट
ग्राहकों की मानें तो उन्हें उनकी जरूरत की चीजों पर 30-40 से लेकर 50 फीसदी तक छूट मिल जाती है. ऑनलाइन शॉपर दीक्षांत गुप्ता ने बताया कि इस फेस्टिव सीजन में ब्रांडेड शूज और शर्ट पर उन्हें 50 फीसदी तक की छूट मिल गई, जबकि सामान्य दुकानों से यह संभव नहीं था. हिमानी गुप्ता के अनुसार, सामान्य दुकानें भी छूट के ऑफर्स तो देती हैं, लेकिन उनकी चीजें अक्सर पुरानी और बेकार किस्म की होती हैं, जबकि ऑनलाइन छूट फ्रेश माल पर मिलती है और चीजें खराब होने पर आप उसे लौटा सकते हैं.
क्या कहते हैं रिटेल एक्सपर्ट
धर्मेश कांत ने बताया कि ऑनलाइन रिटेल कंपनियों का कारोबार बढ़ना तय है. अभी इंडियन रिटेल की ग्रोथ जहां 10-12 फीसदी है, वहीं ऑनलाइन रिटेल 20-25 फीसदी की दर से बढ़ रहा है. चीजें भी ई-कॉमर्स कंपनियों पर 22-25 फीसदी तक सस्ती मिल जाती हैं.पहले से कम हुई है छूट
कांत के अनुसार, अब ई-कॉमर्स कंपनियां पहले की तरह छूट नहीं दे रही हैं, क्योंकि ऐसे में वे चल नहीं पाएंगी. चूंकि ई-कॉमर्स कारोबार करने वालों को रेंटल, मैंटनेंस, कर्मचारी आदि पर खर्च नहीं करने पड़ते हैं, ऐसे में ऑनलाइन और ऑफलाइन चीजों की कीमतों में 20 से 25 फीसदी का यह अंतर बना रहेगा. कांत के मुताबिक, ई-कॉमर्स के कारण परंपरागत दुकानों ही नहीं, शॉपिंग मॉल के और बुरे दिन आ गए हैं.
ऑनलाइन का आकर्षण बढ़ने के अन्य कारण
ऑनलाइन सेल के बढ़ते आकर्षण की सबसे बड़ी वजहों में आकर्षक ऑफर्स के साथ ही घर के कम्फर्ट में शॉपिंग, सुपर-सेवर्स डील, विकल्पों की भरमार, कंज्यूमर रिव्यू, अक्सर मुफ्त में घर पर उपलब्धता, सस्ता इंटरनेट और उसका तेज विस्तार जैसे कारण भी हैं.
फ्लिपकार्ट ने कर्मचारियों को दिया ईसॉप
बेहतर सेेेल सेेे खुश फ्लिपकार्ट ने अपने कर्मचारियों को इम्प्लोई स्टॉक ऑप्शन (ESOP) दिया है. इससे कंपनी के मौजूदा और पूर्व दोनों कर्मचारियों को फायदा होगा. कंपनी 650 करोड़ रुपए ई-शॉप्स पर खर्च कर सकती है. इसी साल पेटीएम ने भी लगभग 47 कर्मचारियों को करीब 100 करोड़ रुपये के ESOP शेयर दिया था. ईसॉप टैलेंट को आकर्षित करने में बड़ी भूमिका निभाता है.
रिटेल और ई-कॉमर्स का आकार
भारतीय रिटेल सेक्टर का आकार इस समय लगभग 900 अरब डॉलर है. इसकी ग्रोथ लगभग 10 से 12 फीसदी है. वहीं ई-कॉमर्स सेक्टर का आकर इस समय लगभग 15 अरब डॉलर है, जिसके 2022 तक बढ़कर 90 अरब डॉलर के हो जाने की उम्मीद है. इसकी औसत ग्रोथ 20 से 25 फीसदी है.
सबसे अधिक बिकने वाली चीजें
मोबाइल- फ्लिपकार्ट की सेल में लगभग 50 फीसदी योगदान मोबाइल का ही रहता है.
अपैरल, फुटवेयर
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स
लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान
महिलाओं का हैंडबैग
किताबें