नासा ने किया नया खुलासा विक्रम लैंडर के बारे में :बिक्रम की हुई थी हार्ड लैंडिंग
अभी हाल ही में अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने तस्वीरें जारी कर के स्पष्ट किया कि भारत ने चंद्रयान दो मिशन के तहत जिस लैंडर विक्रम (vikram lander)की ‘सॉफ्ट लैंडिग’ कराने की कोशिश की थी दरअसल वह सॉफ्ट लैंडिंग मे सफल नहीं हो पाई और उसका हार्ड लैंडिंग हुआ था. जिस कारण भारत का महत्वाकांक्षी स्पेस मिशन शत प्रतिशत सफल होने से चूक गया.
अमेरिका की सर्वश्रेष्ठ अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने ‘लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर कैमरा’ से ली गईं उस क्षेत्र की ‘हाई रेजोल्यूशन’ तस्वीरें जारी की हैं जहां भारत के ‘चंद्रयान दो’ मिशन के तहत इसरो के वैज्ञानिकों ने लैंडर विक्रम (vikram lander) की ‘सॉफ्ट लैंडिग’ कराने की कोशिश की गई थी.
अमेरिका के एजेंसी नासा ने अपने ऑर्बिट द्वारा ली गई तस्वीरों के आधार पर बताया कि लैंडर बिक्रम की ‘हार्ड लैंडिंग’ हुई।
पिछले 17 सितंबर को जब नासा का लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर (एलआरओ) स्पेस क्राफ़ट चांद के अनछुए दक्षिणी ध्रुव के पास से गुजरा था तब उसने उस जगह के ऊपर से गुजरते हुए जहाँ बिक्रम को लैंड होना था और प्रयास किया था, उपर से ही उस जगह की तस्वीरें खींची लेकिन एल. आर.ओ को बिक्रम का पता नही लगा.
नासा के लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर (एलआरओ) अंतरिक्षयान ने 17 सितंबर को चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव के पास से गुजरने के दौरान उस जगह की कई तस्वीरें ली, जहां विक्रम ने सॉफ्ट लैंडिग के जरिए उतरने का प्रयास किया था लेकिन एलआरओसी की टीम लैंडर के स्थान या उसकी तस्वीर का पता नहीं लगा पाई है। साथ ही नासा ने ये भी बताया कि इस दृश्यों की तस्वीरें लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर कैमरा क्विकमैप ने लक्षित स्थल से ऊपर उड़ान भरने के दौरान ली।
चंद्रयान-2 के विक्रम मॉड्यूल (vikram lander) की सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की कोशिश नाकाम रही थी और विक्रम लैंडर का लैंडिंग से चंद मिनटों पहले जमीनी केंद्रों से संपर्क टूट गया था।
‘गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर’ के एलआरओ मिशन के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट जॉन कैलर ने एक बयान में कहा कि एलआरओ 14 अक्टूबर को दोबारा उस समय संबंधित स्थल के ऊपर से उड़ान भरेगा जब वहां रोशनी बेहतर होगी।